लेकिन दोनों पार्टियों के शिष्य नेतृत्व नगर निगम की वोटर लिस्ट को देखना ही भूल गए जबकि महानगर देहरादून के अंतर्गत अगर ओटो को जातीय समीकरण के आधार पर देखा जाए तो 57% से अधिक जनता सामान्य माने तो नॉन पहाड़ी वोटर हैं।
और महानगर नगर निगम में 30% वाटर पहाड़ी है तब भी आज पहाड़ी गरिमा को रखते हुए दोनों देश की बड़ी पार्टियों पहाड़ी प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतर कर मैदान क्षेत्र के प्रत्याशियों को भूल रही है पार्टी के द्वारा बार-बार कहा जाता है कि पार्टी जाति विशेष को नहीं मानती लेकिन हमेशा टिकट आवंटन में जाति को आधार ही माना जाता है।